Saturday, July 2, 2011

"एक सपना सजा है"

मंजिल की राह में,
दरख़्त की छाँव में,
सपनो की गाँव में,
धरती की गोद में,
नव-जातो की सिराओ में,

सिराओ से लहराती बसंती हवा में,
हवाओ के आँचल में छुपी सुरभि में,

एक सपना सजा है,
जो हरेक का अपना है,
जो अपनों से जुड़ा है
अपनों की चाह में

जहाँ आशाओ के बीज बोये जाते हैं,
अरमानों और प्रार्थनाओ से सिंचे जाते है

जब प्यार के आँचल की छाँव तले,
अपने ही उन्माद में अंकुर फूटते हैं,

तो उन्हें देख ख़ुशी के नयनों में,
सपने संजोने वाला जल मोती बन,
अपनी पूर्णता को प्राप्त करता है
~ चेतन

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